मंगलवार, 29 मार्च 2016

पत्रकारिता विकल्पीय प्रश्न-उत्तर


                         पत्रकारिता विकल्पीय प्रश्न-उत्तर 

1.भारत में पत्रकारिता की शुरुआत कब हुई ?
    a ) 1789   b ) 1779   c)  1781   d)  1780 
उत्तर-
2. भारत में परकरिता के जनक माने जाते हैं-
  a) दयानन्द सरस्वती   b) जेम्स अगस्टस हिक्की  c)  दादा भाई नरोजी   d) वारेन हेस्टिंग्स 
उत्तर-
3. भारत कि प्रथम समाचार-पत्र कौन थी ?
  a) बंगाल हिक्की गज़ट   b) हिंदुस्तान   c.) टाइम्स ऑफ़ इंडिया  d)  दी राइजिंग सन 
उत्तर-
4. प्रथम हिंदी समाचार-पत्र कब प्रकाशित हुई -
 a) 1822    b) 1826   c) 1829   d) 1844 
उत्तर-30 मई 1826 
5. भारत में सर्वप्रथम रेडियो की शुरुआत कब हुई ?
 a) 1881   b )   1905   c) 1921   d) 1936 
उत्तर-
6. भारत में टेलीविज़न की शुरुआत कब और कहाँ से हुई ?
a)  1959 (दिल्ली )    b)  1956 (ओड़िशा )  c) 1961(पटना)   d)1965 (चेन्नई) 
उत्तर-
7.सी पत्रकारिता जिसमें फ़ैशनअमीरों की पार्टियों ,महफ़िलों और जानेमाने लोगों के निजी जीवन  के बारे में बताया जाता है।
a ) पीत पत्रिकारिता   b.) खोजी पत्रकारिता  c ) पेज थ्री पत्रिकारिता d) सनसनी खोज पत्रिकारिता 
उत्तर-
8. हिंदी में सर्वप्रथम नेट परकरिता कौन है ?
a ) वेब दुनिया   b) प्रभा साक्षी  c) तहलका डॉट कॉम  d ) सिफी 
उत्तर-
9. समाचार में महत्वपूर्ण तथ्यों को सबसे ऊपर रखना कौन सा सिंद्धांत है?
a ) बुलेट सिंद्धांत   b ) उल्टा पिरामिड सिद्धांत  c) सीधा पिरामिड  d ) अवलोकन सिंद्धांत 
उत्तर-
10 पत्रकारिता दिवस कब मनाया जाता है ?
a) 21 जून   b ) 31 मई   c) 31 जून    d ) 21 मई 
उत्तर-

मंगलवार, 1 मार्च 2016



प्रश्न. पारंपरिक पत्रकारिता और वेब पत्रकारिता के बीच में अंतर स्पष्ट कीजिए ?

उत्तर:-

सामानत: पारम्परिक पत्रकारिता उसे कहते हैं जो कई संदियों के स्वरुप को वर्त्तमान स्तिथि में बनाये रखता है। वर्त्तमान में पारम्परिक पत्रकारिता का स्त्रोत प्रिंटिंग प्रेस है , जो कागज में छापती है।

भारत में प्रिंटिंग समाचार पत्र का नीव 1780 में एक अँगरेज़ व्यक्ति जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने रखी , जिन्होंने अंग्रेज़ो के दुवारा किये जा रहे गलत कामों को लोगो को बताने के लिए प्रिंटिंग समाचार पत्र की स्थापना की। यह समाचार पत्र बंगाल हिक्की गज़ट के नाम से जाना गया। इस तरह जेम्स ऑगस्टस हिक्की भारतीय पत्रकारिता के जनक बन गए।

1990 के दशक के पहले भारत में पारम्परिक पत्रकारिता को चुनौती देने वाला कोई नहीं था , यहाँ तक की डिजिटल मीडिया भी इसे चुनौती देने में असमर्थ थी। लेकिन 1990 आते-आते परम्परिक पत्रकारिता को चुनौती देने के लिए वेब-पत्रकारिता आ धमकी , उस समय कोई सोचा भी नहीं होगा की वेब पत्रकारिता इस तरह आगे बढ़ेगी की प्रिंटिंग प्रेस ही नहीं ,डिजिटल मीडिया को भी कही पीछे छोड़ देगी।

2000 ई. आते-आते वेब-पत्रकारिता ने बता दिया की आने वाला समय वेब-पत्रकारिता का है। और वेब-पत्रकारिता जो 90 के दसक में ही नई मीडिया के नाम से जाना गया , आज लगभग 25 साल बाद भी नई मीडिया के नाम से ही जान जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण इसकी असीमित दायरा है।

दरअसल वेब-पत्रकारिता इंटरनेट पर उपलब्ध करायी गई समाचार है। जो पारम्परिक पत्रकारिता की तरह समाचार तो उपलब्ध कराती है , परन्तु यह पारम्परिक पत्रकरिता के उलट लोगो के ऑनलाइन समाचर उपलब्ध कराती है।

इसकी दायरा इतनी व्यापक है कि ये डिजिटल मीडिया को भी अपने में समेट लेती है। इसके साथ ही यह बड़ी ही सुगमता से विशव के किसी भी कोने से सुगमता से देखा जा सकता है। जिसके लिए एक इंटरनेट एक्सेस डिवाइस रहना चाहिए। इतना ही नहीं यह किसी भी पुराने समाचार को कभी भी एक्सेस करने का जरिया है। साथ ही यहाँ समाचार हर नया उपलब्ध कराया जा सकता है।

वही पारम्परिक पत्रकारित में हमें किसी भी जानकारी के लिए कम-से-कम सुबह का इंतज़ार करना पड़ता है , यह सुगमता से हर जगह उपलब्ध नहीं है। किसी पुराने समाचार को ढूढ़ने में खासे मुशकील का सामना करना पड़ता है।